वर्तमान भूत भविष्य हिंदी कविता चिंता व्यर्थ की तजो अपने सिंहासन की नारी की इज्जत देश की भविष्य जिम्मेदारी त्याग आज की नारी

Hindi भविष्य-भूत की चिंता त्याग Poems